Thursday, 13 August 2020

Transparent Taxation Platform | पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन क्या है | पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन कार्य प्रणाली |

 

Transparent Taxation Platform

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि पिछले 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों में लगभग ढाई करोड़ लोग बड़े हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म लेकर आए हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अब टैक्स पेअर को डरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह निडर होकर टैक्स भर सकेगा। इसका मतलब यह है कि आयकर विभाग टैक्स पेअर की डिग्निटी का ख्याल रखेगी तथा टैक्स पेअर की बात पर विश्वास करेगी तथा बिना किसी आधार के टेक्स्ट पेअर पर शक नहीं किया जाएगा।


पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन कार्य प्रणाली

इसी के साथ हाईकोर्ट ने 1 करोड़ रुपए तक की तथा सुप्रीम कोर्ट में दो करोड़ रुपए तक की केस की सीमा तय की गई है। जिसके माध्यम से यह प्रयास किया जाएगा कि केस कोर्ट के बाहर ही सुलझ जाए। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से टैक्स प्रणाली को सीमलेस, पैनलेस तथा फेसलैस बनाना है। जिसके माध्यम से टैक्स प्रणाली सिंपल हो पाएगी। सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब भी घटाया है और प्रधानमंत्री जी ने यह भी बताया है कि हमारा देश दुनिया में सबसे कम कॉर्पोरेट टैक्स वसूल करने वाले देशों में से एक है।

Key Highlights of PM Modi Transparent Taxation Platform

आर्टिकल किसके बारे में हैपीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन
किस ने लांच की स्कीमकेंद्र सरकार
लाभार्थीभारत के नागरिक
आर्टिकल का उद्देश्यप्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य टैक्स प्रणाली को आसान बनाना है।
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साल2020
स्कीम उपलब्ध है या नहींउपलब्ध

पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन का उद्देश्य

पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन का मुख्य उद्देश्य उन सभी लोगों को संबोधित करना है जो इमानदारी से टैक्स भरते हैं। इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी लोगों के लिए टैक्स प्रणाली को आसान बनाया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें और ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स भरें। जिससे कि देश का विकास हो। इस प्लेटफार्म के माध्यम से टैक्स प्रणाली को सीमलेस, पैनलैस तथा फेसलेस बनाया जाएगा।

टैक्स प्रणाली सीमलेस पेनलेस तथा फेसलेस

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि टेक्स्ट प्रणाली को सीमलेस, पैनलैस तथा फेसेलैस बनाया जाएगा। पेनलेस मतलब आयकर विभाग को टेक्स्ट पेअर की उलझन ओ को उलझाने के बजाय सुलझाने पर जोर देना होगा तथा कष्ट हीन मतलब टेक्नोलॉजी से लेकर नियमों तक सब कुछ आसान बनाया जाएगा।

आयकर प्रणाली को आसान बनाना

इस रिफॉर्म के माध्यम से आयकर प्रणाली को आसान बनाया जाएगा। जिसमें कम से कम कानून होगा और जो कानून होगा वह स्पष्ट होगा और आसान होगा जिसे टैक्स पेअर आसानी से समझ पाएंगे।

सरकार का दखल होगा अब कम

ट्ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बताया कि एक दौर में सुधारों की बात की जाती थी लेकिन किसी वजह से सुधार हो नहीं पाते थे। लेकिन अब यह एप्रोच बदल गई है। आज से यह जो नई व्यवस्था शुरू हो रही है इस नई व्यवस्था के माध्यम से देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम किया जाएगा।

ऑनरिंग द ऑनेस्ट

मोदी जी ने कहा कि पिछले 6 साल में सरकार का फोकस बैंकिंग द उंनबैक्ड पर, सिक्योरिंग द अनसिक्योर्ड पर और फंडिंग द अनफंडेड पर रहा है। अब सरकार ने यह नई व्यवस्था आरंभ की है जिसे हम ऑनरिंग द ऑनेस्ट के नाम से जानेंगे। इस व्यवस्था के अंतर्गत ईमानदार टैक्सपेअर के लिए टैक्स प्रणाली को आसान किया जाएगा।

कौन-कौन प्रस्तुत था बैठक में?

इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ हमारे देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आयकर विभाग के अधिकारी एवं पदाधिकारी, विभिन्न वाणिज्य मंडलों, व्यापार संघ एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संघो के जाने-माने करदाता प्रस्तुत थे।

 सीबीडीटी के द्वारा किए जाने वाले बदलाव

पिछले वर्ष केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के द्वारा कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों में से एक टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव भी हैं। अब 5 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं भरना होगा। सीबीडीटी द्वारा कर के नियमों में लगातार बदलाव लर जा रहे है। इसके माध्यम से टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

इलेक्ट्रॉनिक मोड को बढ़ावा तथा सालाना रिटर्न दाखिल करने की सीमा बढ़ाई गई

सरकार द्वारा डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके माध्यम से आज देश के काफी सारे लोग ऑनलाइन मोड से भुगतान करते हैं। इस वजह से लोगों को काफी आसानी भी होती है। सरकार द्वारा करोना काल को देखते हुए सालाना रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को भी बढ़ाया गया है और करदाताओं की नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए रिफंड की प्रक्रिया तेज की गई है।

पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन के लाभ तथा विशेषताएं

  • पीएम मोदी ट्रांसफर इन टैक्सेशन का आरंभ 13 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया है।
  • इस प्लेटफार्म के माध्यम से फेसलेस एसेसमेंट, फेसलेस अपील तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म किए गए हैं।
  • फेसलेस एसेसमेंट तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर 13 अगस्त 2020 से लागू किया जाएगा तथा फैसला अपील 25 सितंबर 2020 से लागू की जाएगी।
  • इस प्लेटफार्म के माध्यम से टैक्स प्रणाली में सरलता लाई जाएगी।
  • टैक्स प्रणाली को सीमलेस पेनलैस तथा फैसेलेस बनाया जाएगा।
  • पीएम मोदी ट्रांसफर एंड टैक्सेशन के माध्यम से टैक्स की दरों में भी कमी आएगी।
  • विवाद से विश्वास अधिनियम 2020 प्रस्तुत किया गया है जिसके अंतर्गत विवादों से निपटने के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई हैं। इसके माध्यम से विवादों का समाधान किया जाएगा।
  • इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मोड को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • कोरोनावायरस संक्रमण के चलते इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेट भी बढ़ाई गई है।
  • इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। अब ₹500000 तक कोई टैक्स नहीं भरना होगा।
  • भारत दुनिया में सबसे कम कॉरपोरेट टैक्स वसूल करने वाले देशों में से एक है।

Conclusion

हमने अपने इस लेख में ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपको प्रदान कर दी है। यदि आप अभी भी किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप कमेंट बॉक्स में हम से पूछ सकते हैं। आपका कमेंट हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हम आपकी समस्या का समाधान करने की पूरी कोशिश करेंगे।